बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्माता सुभाष घई एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। हाल ही में उन पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे हैं, लेकिन घई ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे "छवि को खराब करने की कोशिश" बताया है। उन्होंने कहा है कि वह जल्द ही इस मामले में कानूनी कदम उठाएंगे।
आरोपों की शुरुआत कैसे हुई?
यह मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर एक महिला ने सुभाष घई पर यौन शोषण का आरोप लगाया। आरोप लगाने वाली महिला का दावा है कि घई ने एक बार उन्हें डिनर के बहाने अपने घर बुलाया और वहां उनके साथ जबरदस्ती की।
इससे पहले भी अभिनेत्री केट शर्मा ने सुभाष घई पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि एक पार्टी के दौरान घई ने उनके साथ जबरन नज़दीकी बढ़ाने की कोशिश की और शारीरिक संपर्क बनाने की पेशकश की।
सुभाष घई की सफाई
इन आरोपों के जवाब में सुभाष घई ने एक लिखित बयान जारी किया जिसमें उन्होंने कहा:
"मुझे बेहद दुख है कि मेरे खिलाफ इस तरह के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। अगर किसी को मुझसे कोई शिकायत है, तो उसे कानून के तहत कार्यवाही करनी चाहिए, न कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलानी चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा:
"मेरी लीगल टीम इन झूठे आरोपों की पूरी जांच कर रही है। मैं अपनी प्रतिष्ठा को यूं ही खराब नहीं होने दूंगा और जल्द ही कानूनी कार्रवाई करूंगा।"
सोशल मीडिया बनाम क़ानून
इस मामले ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर आरोप लगाने बनाम क़ानूनी प्रक्रिया अपनाने की बहस को जन्म दे दिया है। क्या केवल पोस्ट या बयान से किसी की छवि खराब करना सही है? या फिर उचित मंच पर शिकायत दर्ज करवाना ज़्यादा जिम्मेदाराना तरीका है?
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